Thursday, October 2, 2008

03Oct2008

एक बहुत कंजूस व्यक्ति था, उसकी कंजूसी की मिसाल सुनिए, "उस के पास एक घी का डिब्बा था. जब वो और उस का परिवार साथ बेठ कर खाना खाता था तो सब लोग रोटी मैं घी लगाने के लिए डिब्बे से रोटी को रगड़ कर रोटी खाते थे. वो घी का डिब्बा पिछले १० साल से ख़तम नही हुआ था क्यों की वो कभी खुला हे नही था. तो एसा था उस कंजूस का परिवार.
एक बार की बात हैं कंजूस काम से काम से बाहर गया था, पर गलती से वो घी के डिब्बे को अलमारी मैं बंद कर के चला गया, जब उस का परिवार खाने के लिए बेठे तो सब को घी की याद आई वो लोग जब अलमारी के पास गए तो अलमारी बंद थी तो उन होने अपनी अपनी रोटी अलमारी के ताले मैं रगड़ कर खा की.
जब कंजूस वापस आया तो सब लोगो के बताया की कैसे उन्होंने उस की गैरहाजरी मैं घी खाया, कंजूस ने सब को २ लगाये और बोला - "सालो एक दिन बिना घी के रोटी नही खा सकते थे"

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